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चन्द्रयान 3 की हुई सफल लॉन्चिंग , चीन ने दी यह टिपणी

जैसे की आप सभी को पता है की इंडिया फिर से चन्द्र्मा 
पर जाने की राह पे है . भारत  पहले  चन्द्रयान-1,और 
चंद्रयान-2 मिशन कर चूका है .चंद्रयान -2 में भारत 
सॉफ्टवेयर प्रॉब्लम की बजह से विक्रम लैंडर की सॉफ्ट 
लैंडिंग नहीं करा पाया था और विक्रम लैंडर क्रैश हो गया था.



लेकिन इस बार सॉफ्टवेयर की प्रॉब्लम को सॉल्व कर
दिया गया है. चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर को  नही लेके 
गये है. क्यूँकि चन्द्रयान 2 का ऑर्बिटर अभी भी सही 
काम कर रहा है और आबश्यकता पड़ने पर उस से 
इनफार्मेशन ली जा सकती है . चंद्रयान-3 अगस्त महीने
में चंद्रमा पर पहुंचेगा.

भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन चन्द्रमा पर 
सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं . भारत ऐसा करने वाला 
चौथा देश बन जाएगा . अमेरिका , रूस, चीन सिर्फ 
4 दिन में चंद्रमा पर लैंड कर लिए थे लेकिन भारत को 
वहाँ पहुँचने के लिए 42 दिन का समय लगेगा.
 
अब आपके मन में यह बात आ रही होगी की चन्द्रयान-3 
को चंद्रमा पर जाने के लिए इतना टाइम क्यों 
लग रहा है . तो हम आपको बता देते हैं की ऐसा क्यों 
हो रहा है. 
दूसरे देश अरबों डॉलर का ख़र्च करके वहां तक पहुंचे हैं 
क्यूंकि उन देशों ने जो राकेट को अपने मिशन में लगाया
था वो बहुत जायदा स्पीड में चलते हैं और उसके साथ 
ही बोहत अधिक मात्रा में फ्यूल खर्च करते हैं लेकिन भारत
ही एक ऐसा देश है जो इतने कम खर्च में चंद्रमा पर
जाएगा और अपने सपने को पूरा करेगा.भारत ने चंद्रयान-3 
को सिर्फ 615 करोड़ में बनाया है . इसलिए इसकी स्पीड
दूसरे देशों की अपेक्षा कम है . आज भारत की 
गिनती बड़े बड़े देशों में की जा रही है .क्यूंकि बहुत कम 
देश ऐसा कर पाए हैं. हाँ एक और बात भारत चन्द्रयान-3
को चंद्रमा के उस भाग पर उतार रहा है यहाँ तक आज तक
कोई देश नहीं जा पाया है.चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लांच 
होने पर कई बड़े देशों ने भारत को बधाई दी है . चीन ने 
भी भारत को चन्द्रयान-3 के लिए बधाई दी.

इस बार हम जरूर अपने मिशन में सफल होंगे , और आशा
करते हैं की हमारा देश इस तरह ही प्रगति की राह पे चलते
रहे और इस समाचार को अपने सभी जान पहचान वालों के
साथ जरूर साँझा करे .
               धन्यबाद|
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